BJP का चिराग पासवान को हाजीपुर समेत 5 सीटों का प्रस्ताव: विपक्ष में अलगाव
भाजपा ने बिहार चुनाव के लिए चिराग पासवान को पेश किया ऑफर, सूत्रों की माने तो पशुपति पारस कोई सीट नहीं।
बिहार में राजनीतिक हलचल में बड़ा उलटफेर की संभावना कुछ दिनों में देखने को मिलेगी। सूत्रों की माने तो BJP ने चिराग पासवान को हाजीपुर समेत 5 सीटों का प्रस्ताव दिया है, जबकि (आरएलजेपी) नेता पशुपति पारस को कोई सीट नहीं देगी।
चुनावी घमासान के बाद, बीजेपी और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के बीच राजनीतिक समझौता बढ़ते जा रहा है। भाजपा ने पासवान को यह प्रस्ताव दिया है ताकि वे चुनाव में उपस्थित रहें और गठबंधन को मजबूत करें। इसके साथ ही, पासवान की बड़ी बहुमत से जीती गई सीटों पर भारी राजनीतिक उच्चायोग भी हो सकती है। यह समझौता बिहार की राजनीतिक दिशा को बदल सकता है और आगामी चुनावों में नए गठबंधनों को उत्पन्न कर सकता है।
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विदित हो की चिराग पासवान ने पोस्ट किया, “एनडीए के सदस्य के रूप में, आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री @jpnadda जी के साथ बैठक में, हमने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए बिहार में सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया है। उचित समय पर इसकी घोषणा की जाएगी।”
As a member of the NDA, today in a meeting with BJP National President Hon Shri @jpnadda ji, we have together finalised the seat sharing in Bihar for the ensuing Lok Sabha polls.
The same will be announced in due course.एनडीए के सदस्य के रूप में आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष… pic.twitter.com/hpAQNC5HKo
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) March 13, 2024
वहीं नड्डा से मुलाकात पर पासवान ने कहा, “गठबंधन में हमेशा मेरी रक्षा करने के लिए मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने हमेशा राम विलास पासवान को अपना दोस्त माना है। आज, हमने फिर से अपने पुराने गठबंधन-एनडीए को मजबूत किया है, साथ ही उन्होने कहा की मैं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देना चाहता हूं।
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इस समझौते के माध्यम से, बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है। चुनावी गठबंधन की दो बड़ी दलों के बीच समझौता नई राजनीतिक समीकरण को जन्म दे सकता है, जो कि आगामी चुनावों में बड़ा महत्व रख सकता है। इस घटना के बाद, बिहार की राजनीति में नई संधियाँ और समझौते की संभावना है। यह समझौता बिहारी जनता की राय का प्रतिनिधित्व कर सकता है और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।