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लालकृष्ण आडवाणी: भारत रत्न से सम्मानित, उनका योगदान और भूमिका

लालकृष्ण आडवाणी: भारत रत्न से सम्मानित, उनका योगदान और भूमिका

भारतीय राजनीति के पूर्व सीनियर नेता और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी को ‘भारत रत्न’, भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, से सम्मानित किया गया है। इस शानदार सम्मान के मौके पर, आडवाणी ने अपनी भूमिका और यात्रा की महत्वपूर्ण घटनाओं पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने यह स्वीकार किया है कि यह सम्मान केवल उनके व्यक्तिगत समर्थन के लिए नहीं है, बल्कि इसमें उनके आदर्शों और सिद्धांतों के प्रति समर्पण का परिचायक है।

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लालकृष्ण आडवाणी, फोटो-सोशल मिडीया।

व्यापक समर्थन और समर्पण

आडवाणी ने इस मौके पर अपने भावनात्मक विचार साझा करते हुए कहा, “यह सम्मान मेरे लिए केवल एक व्यक्ति के रूप में नहीं है, बल्कि इसमें उन आदर्शों और सिद्धांतों के लिए भी सम्मान है जिन पर मैंने जीवन भर सेवा करने का प्रयास किया है।”

उन्होंने इस मौके पर अपने सेवा और समर्पण की भावना को बयान करते हुए यह भी कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (रा.से.सं.) में शामिल होने के बाद से केवल एक मांग की है – जीवन भर उन्हें जो कार्य सौंपा गया है, उसमें अपने प्यारे देश की समर्पित और निस्वार्थ सेवा में।

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यात्रा की एक यादगार भूमिका

लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है, जो उनकी देशभक्ति और सामाजिक सेवा में की गई महत्वपूर्ण भूमिका को मानते हुए। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आडवाणी को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया और उन्हें देश के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक बताया।

मोदी ने कहा, “हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, भारत के विकास में उनका योगदान स्मारकीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है।”

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लालकृष्ण आडवाणी, फोटो-सोशल मिडीया।

भारतीय राजनीति में योगदान

लालकृष्ण आडवाणी, भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण और अद्वितीय चेहरे रहे हैं। उन्होंने भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के साथ अपने लंबे सेवा काल में देश के विकास में योगदान दिया है।

अयोध्या से राम मंदिर तक का सफर

लालकृष्ण आडवाणी ने 1990 में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की वकालत करने के लिए गुजरात के सोमनाथ से शुरू होने वाली राम रथ यात्रा की शुरुआत की थी। इस यात्रा ने विभिन्न भागों में व्यापक समर्थन प्राप्त किया और 1991 के आम चुनावों में, भाजपा ने कांग्रेस के बाद संसद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।

लालकृष्ण आडवाणी की भूमिका ने उन्हें देशभक्ति और राष्ट्रवादी चिंगारी के साथ याद किया जाएगा, और उन्हें ‘भारत रत्न’ से नवाजा जाना एक महत्वपूर्ण और सामाजिक घटना है जो उनके योगदान को समर्थित करती है।

इस सम्मान के माध्यम से, लालकृष्ण आडवाणी को उनके देशवासियों की ओर से उनके योगदान का समर्थन मिलता है और यह दिखाता है कि उनकी सेवा और नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी जाती है।

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